फॉस्फोरस — जिंक और आयरन का छुपा हुआ दुश्मन
कई किसान नियमित रूप से फॉस्फोरस (P) डालते हैं, लेकिन ज्यादा मात्रा में दिया गया P जिंक (Zn) और आयरन (Fe) को ब्लॉक करता है। इसे Phosphorus-Induced Deficiency कहा जाता है, जिसमें जिंक–आयरन मिट्टी में होते हुए भी पौधे को उपलब्ध नहीं होते।
यह विरोध कैसे होता है?
जब मिट्टी में P ज्यादा हो जाता है, तो वह जिंक और आयरन से मिलकर अविलेय (insoluble) यौगिक बनाता है। यह पानी में नहीं घुलते, इसलिए जड़ें इन्हें吸 नहीं कर पातीं।
पौधे के अंदर भी अधिक P जिंक और आयरन की ट्रांसलोकेशन को रोकता है, जिससे वे पत्तियों तक नहीं पहुंच पाते।
फसलों में दिखने वाले लक्षण
• नसों के बीच पीलापन
• धीमी व छोटी बढ़वार
• कमजोर फूल
• कम उत्पादन
यह समस्या खासकर क्षारीय और कैल्शियम-समृद्ध मिट्टी में ज्यादा दिखती है।
व्यवहारिक समाधान
• अगर मिट्टी में P ज्यादा है तो कुछ सीजन तक फॉस्फोरस कम या बंद करें।
• जिंक और आयरन को chelated या अत्यधिक घुलनशील रूप में दें (EDTA, amino chelates)।
• जैविक खादों का उपयोग करें (रुटांझा, कन्सर्ट)।
• त्वरित सुधार के लिए जिंक–आयरन का छिड़काव करें।
• कार्बनिक पदार्थ / लियोनार्डाइट (ह्यूमिक एसिड) मिलाएं।
• शुरुआती अवस्था में DAP ज्यादा न डालें।
• क्षारीय मिट्टी में सल्फर या अम्लीय खादें उपयोग करें।
संतुलित पोषण ही स्वस्थ फसल और अधिक पैदावार की असली कुंजी है।