टमाटर में मैंगनीज़ की कमी
मैंगनीज़ एक महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व है, जो टमाटर पौधों में प्रकाश संश्लेषण, क्लोरोफिल निर्माण और एंजाइम क्रियाओं में मदद करता है। पर्याप्त मैंगनीज़ न मिलने पर पौधे स्वस्थ विकास और फल बनने के लिए आवश्यक ऊर्जा नहीं बना पाते।
मैंगनीज़ की कमी के लक्षण
कमी की शुरुआत सामान्यतः कोमल (नई) पत्तियों से होती है। मुख्य लक्षण है नसों के बीच पीलापन (इंटरवेनियल क्लोरोसिस), जिसमें पत्ती की नसें हरी रहती हैं लेकिन उनके बीच का हिस्सा पीला हो जाता है। पत्तियों पर छोटे भूरे या धूसर धब्बे भी दिखाई दे सकते हैं, जिससे पत्ती पर चितकबरेपन का असर दिखता है। गंभीर स्थिति में पत्तियाँ मुड़ जाती हैं, पौधों की वृद्धि रुक जाती है और फल लगना कम हो जाता है।
मैंगनीज़ की कमी के कारण
मैंगनीज़ की कमी आमतौर पर उच्च पीएच वाली मिट्टी (क्षारीय मिट्टी, 6.5–7.5 से अधिक पीएच) में देखी जाती है। रेतीली मिट्टी और अधिक जैविक पदार्थ वाली मिट्टी में भी मैंगनीज़ उपलब्ध नहीं हो पाता। इसके अलावा, अधिक मात्रा में चूना (लाइम) डालने से भी टमाटर के पौधों के लिए मैंगनीज़ की उपलब्धता घट जाती है।
मैंगनीज़ की कमी का प्रबंधन
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0.2%–0.5% घोल में मैंगनीज़ सल्फेट का पत्तियों पर छिड़काव सबसे तेज़ और प्रभावी उपाय है।
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मैंगनीज़ सल्फेट का मिट्टी में प्रयोग रोपाई से पहले किया जा सकता है।
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मिट्टी का पीएच 6.0 से 6.5 के बीच बनाए रखें, जिससे पोषक तत्व उपलब्ध रह सकें।
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अधिक चूना डालने से बचें और संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें।