समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन (INM): फसलों के पोषण की एक टिकाऊ पद्धति
समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन, जिसे आमतौर पर INM कहा जाता है, फसलों को पोषक तत्वों का सही संतुलन प्रदान करने और लंबे समय तक मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए एक वैज्ञानिक रूप से सिद्ध पद्धति है। इसमें रासायनिक उर्वरकों, जैविक खादों और जैव उर्वरकों का संयोजन शामिल होता है, जिससे पौधों को प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल पोषण मिल पाता है।
INM क्या है?
INM विभिन्न पोषक तत्व स्रोतों के संतुलित और विवेकपूर्ण उपयोग पर आधारित है:
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रासायनिक उर्वरक, जो तुरंत पोषक तत्व उपलब्ध कराते हैं
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जैविक खादें जैसे गोबर की खाद (FYM), कंपोस्ट, और हरित खादें, जो मिट्टी की संरचना को बेहतर बनाती हैं
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जैव उर्वरक जैसे राइजोबियम, एजोटोबैक्टर, और फॉस्फेट घुलनशील बैक्टीरिया, जो प्राकृतिक रूप से पोषक चक्र में सहायता करते हैं
इन सभी स्रोतों का संयोजन मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने और फसल उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है, बिना पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए।
INM क्यों आवश्यक है?
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मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखता है और सुधारता है
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रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता को कम करता है
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पोषक तत्वों की उपयोग दक्षता को बढ़ाता है
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सूक्ष्मजीवों की सक्रियता और मृदा जैव विविधता को बढ़ाता है
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टिकाऊ कृषि उत्पादन को बढ़ावा देता है
INM के प्रमुख घटक
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रासायनिक उर्वरक: त्वरित और लक्षित पोषण प्रदान करते हैं, जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम
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जैविक स्रोत: कंपोस्ट, वर्मी-कंपोस्ट, हरित खाद और फसल अवशेष, जो जैविक कार्बन और सूक्ष्म पोषक तत्वों में योगदान करते हैं
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जैव उर्वरक: जीवाणु जो नाइट्रोजन स्थिरीकरण, फॉस्फोरस घुलनशीलता और पौधों की वृद्धि को प्रोत्साहित करते हैं
व्यावहारिक उदाहरण
गन्ना खेती में एक किसान निम्नलिखित प्रकार से INM अपना सकता है:
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60 प्रतिशत नाइट्रोजन यूरिया के माध्यम से
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20 प्रतिशत अच्छी तरह से सड़ी हुई कंपोस्ट खाद से
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20 प्रतिशत एजोटोबैक्टर जैव उर्वरक से
इससे पूरे फसल चक्र के दौरान लगातार और संतुलित पोषण की उपलब्धता बनी रहती है।