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  • कोबाल्ट (Co):  एक महत्वपूर्ण लेकिन अक्सर उपेक्षित सूक्ष्म पोषक तत्व

    कोबाल्ट (Co): एक महत्वपूर्ण लेकिन अक्सर उपेक्षित सूक्ष्म पोषक तत्व

    Posted on : 15 Dec 2025 By : Agri Search (India) Pvt. Ltd

    कोबाल्ट (Co):  एक महत्वपूर्ण लेकिन अक्सर उपेक्षित सूक्ष्म पोषक तत्व

    आधुनिक कृषि में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश जैसे प्रमुख पोषक तत्वों पर अधिक ध्यान दिया जाता है। लेकिन फसलों की वास्तविक क्षमता कुछ ऐसे सूक्ष्म पोषक तत्वों पर भी निर्भर करती है, जो बहुत कम मात्रा में आवश्यक होते हैं, फिर भी पौधों की आंतरिक जैविक प्रक्रियाओं पर सीधा प्रभाव डालते हैं। कोबाल्ट (Co) ऐसा ही एक सूक्ष्म पोषक तत्व है, जिसे अक्सर नजरअंदाज किया जाता है, लेकिन इसका प्रभाव अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

    कोबाल्ट और नाइट्रोजन स्थिरीकरण का संबंध

    कोबाल्ट Rhizobium जैसे नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले जीवाणुओं के लिए आवश्यक तत्व है। विशेष रूप से दलहनी फसलों में जड़ गांठों का निर्माण, उनकी सक्रियता और वायुमंडलीय नाइट्रोजन को पौधों के लिए उपयोगी रूप में बदलने की प्रक्रिया काफी हद तक कोबाल्ट पर निर्भर करती है। कोबाल्ट की कमी होने पर गांठें बनती तो हैं, लेकिन वे प्रभावी ढंग से कार्य नहीं कर पातीं, जिससे फसलों को पर्याप्त नाइट्रोजन नहीं मिल पाता और वृद्धि बाधित होती है।

    जड़ों के विकास पर कोबाल्ट का प्रभाव

    कोबाल्ट जड़ों की लंबाई, मोटाई और मजबूती को बढ़ाता है। मजबूत जड़ें अधिक मिट्टी क्षेत्र में फैलती हैं, पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण करती हैं और पौधों को बेहतर स्थिरता प्रदान करती हैं। कोबाल्ट जड़ क्षेत्र में सूक्ष्मजीव गतिविधि को भी बढ़ाता है, जिससे मिट्टी जैविक रूप से सक्रिय बनी रहती है और पोषक तत्व अधिक उपलब्ध होते हैं।

    एंजाइम सक्रियता, क्लोरोफिल निर्माण और तनाव सहनशीलता

    कोबाल्ट कई महत्वपूर्ण एंजाइमों को सक्रिय करने में भूमिका निभाता है, जो पौधों की वृद्धि और चयापचय प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक होते हैं। यह अप्रत्यक्ष रूप से क्लोरोफिल निर्माण में भी सहायता करता है, जिससे पत्तियों की हरियाली, प्रकाश संश्लेषण और कुल वृद्धि में सुधार होता है। इसके अतिरिक्त, कोबाल्ट गर्मी, सूखा और अन्य प्रतिकूल परिस्थितियों में फसलों की सहनशीलता को बढ़ाता है।

    संतुलित कोबाल्ट पोषण क्यों आवश्यक है

    ZINCABOR जैसे उन्नत उर्वरकों में जिंक, बोरॉन और सल्फर के साथ कोबाल्ट को जानबूझकर शामिल किया जाता है। जब ये सूक्ष्म पोषक तत्व संतुलित और सूक्ष्म मात्रा में एक साथ दिए जाते हैं, तो पोषक तत्वों के अवशोषण की दक्षता बढ़ती है, जड़ प्रणाली मजबूत होती है और फसल की वृद्धि समान एवं निरंतर बनी रहती है।

    किन फसलों में कोबाल्ट अधिक लाभकारी है

    चना, सोयाबीन, मूंग, उड़द और राजमा जैसी दलहनी फसलें कोबाल्ट के प्रति जल्दी और सकारात्मक प्रतिक्रिया देती हैं। पर्याप्त कोबाल्ट उपलब्ध होने पर नाइट्रोजन स्थिरीकरण बेहतर होता है, पौधों की वृद्धि मजबूत होती है और अंतिम उत्पादन में सुधार होता है।