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  • जैविक और अजैविक तनाव पौधों में: कारण, लक्षण और समाधान

    जैविक और अजैविक तनाव पौधों में: कारण, लक्षण और समाधान

    Posted on : 13 Mar 2025 By : Agri Search (India) Pvt. Ltd.

    पौधों को उनकी वृद्धि और उत्पादकता पर प्रभाव डालने वाली विभिन्न पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ये चुनौतियाँ दो प्रकारों में विभाजित की जाती हैं: जैविक तनाव (Biotic Stress) और अजैविक तनाव (Abiotic Stress)।

    १. जैविक तनाव (Biotic Stress)

    यह तनाव जीवित कारकों के कारण होता है, जो पौधों को नुकसान पहुँचाते हैं।

    उदाहरण:

    • कीट: एफिड (Aphids), सफेद मक्खी (Whiteflies), थ्रिप्स (Thrips) आदि।
    • रोग: कवक (Fungi), बैक्टीरिया (Bacteria) या वायरस (Viruses) द्वारा फैलने वाले रोग।
    • खरपतवार: पोषक तत्वों, पानी और सूर्य के प्रकाश के लिए पौधों से प्रतिस्पर्धा करते हैं।

    प्रबंधन:

    कीटनाशकों, कवकनाशकों और जैव-नियंत्रण विधियों का उपयोग करके जैविक तनाव को कम किया जा सकता है।

    २. अजैविक तनाव (Abiotic Stress)

    यह तनाव निर्जीव कारकों के कारण होता है, जो पौधों की वृद्धि को प्रभावित करते हैं।

    उदाहरण:

    • तापमान का चरम प्रभाव: पाला (Frost), लू (Heatwaves)।
    • जल संकट: सूखा (Drought) या अत्यधिक वर्षा (Excessive Rainfall)।
    • मिट्टी की समस्याएं: पोषक तत्वों की कमी (Nutrient Deficiency), लवणता (Salinity) या खराब संरचना।
    • पर्यावरणीय कारक: हवा (Wind), पराबैंगनी किरणें (UV Radiation), प्रदूषण (Pollution)।

    प्रबंधन:

     

    • तनाव-निवारक स्प्रे (Stress-Relief Sprays) का उपयोग करें।
    • मल्चिंग तकनीक (Mulching) अपनाएँ।
    • उचित सिंचाई प्रणाली (Irrigation Practices) का पालन कर फसलों की सुरक्षा करें।