सिल-वॉल खास तकनीक से तैयार किया हुआ एक्टिव सिलिकॉन है| यह सिलीका का संयुक्त स्वरूप है, जो पानी के साथ फसल को सहजता से उपलब्ध होता है तथा स्टेबल मोनोसिलीसिक एसिड और ऑर्थोसिलिसिक एसिड मे परीवर्तीत होता है| फसल पर छिड़काव के बाद पेशी भित्तिका के बाहरी सतह पर सिलिकॉन एकत्रित होने पर अधिक मजबूत भित्तिका तैयार होती है| पेशी में उपलब्ध द्राव्य दबकर फसल के सभी हिस्सों में एक जैसा फेलता है| फैसल में रोग एवं कीट के लिए एक प्रकार की प्रतिकार शक्ति निर्माण होती है|
२०० ग्राम सिलवॉल २०० लीटर पानी में मिलाकर (१ ग्राम/लीटर) पर्णीय छिड़काव|
फसलो पर प्रयोग होने वाले सभी प्रकार के उर्वरक तथा औषधियों के साथ दे सकते हैं|