मोहर : यह लोह, नत्र व गंधक युक्त उत्पाद पानी में पूर्णतः घुलनशील है तथा लोह की कमी वाले जमीन में उपचार के लिये योग्य है | इसमें १४ % लोह, ७ % नत्र, ८ % गंधक है |
मोहर के प्रयोग से मृदा का मान पी.एच. कम होता है, एवं पोषक तत्वो की उपलब्धता में वृध्दि होती है |
फसल में हरापन बढता है, जडे अच्छी मजबूत बनती है | इसका प्रयोग गन्ना, कपास, संत्रा, हल्दी, अद्रक इत्यादी. लोह को संवेदनशील फसल में अधिक उपयुक्त है |
टिप : १ किग्रा पर्णीय छिडकाव के लिये | २५ किग्रा फर्टिगेशन या जमीन व्दारा देने के लिये |
जमिन या फर्टिगेशन व्दारा : १५ कि./ एकड पौधो की वृध्दि अवस्था मे
पर्णीय छिडकाव :
५ ग्राम / लिटर पानी
०.५ % ( ५०० ग्रा / १०० लीटर शुध्द पानी | )
स्फुरदयुक्त उर्वरक छोडकर अन्य सभी ऊर्वरको के साथ मिलाकर प्रयोग कर सकते है |