पत्ता गोभी में मायकोराइज़ा क्यों काम नहीं करता?
खेती में मायकोराइज़ा नामक लाभकारी फफूंद का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि यह पौधों को पोषक तत्वों के अवशोषण और मिट्टी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। लेकिन कई किसान देखते हैं कि यह उत्पाद पत्ता गोभी, फूलगोभी, सरसों और मूली जैसी फसलों में काम नहीं करता। ये फसलें ब्रैसिकेसी (Brassicaceae) परिवार की हैं और मायकोराइज़ा के प्रति प्रतिक्रिया नहीं देतीं। नीचे इसका स्पष्ट कारण दिया गया है।
मायकोराइज़ा क्या है?
मायकोराइज़ा एक लाभकारी फफूंद है जो पौधों की जड़ों के साथ एक सहयोगी (symbiotic) संबंध बनाता है। यह पौधों को मिट्टी से फॉस्फोरस, जिंक और पानी को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करता है। इसके बदले में, पौधा फफूंद को शर्करा (sugars) देता है। यह संबंध गेहूं, मक्का, टमाटर और दालों जैसी कई फसलों में पाया जाता है।
पत्ता गोभी में यह क्यों काम नहीं करता?
पत्ता गोभी ब्रैसिकेसी परिवार की फसल है। यह परिवार स्वाभाविक रूप से मायकोराइज़ा फफूंद के साथ संबंध नहीं बनाता। इसके तीन मुख्य कारण हैं:
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ग्लूकोसिनोलेट्स की उपस्थिति
ब्रैसिकेसी फसलें ग्लूकोसिनोलेट्स नामक यौगिक बनाती हैं, जिनमें एंटीफंगल गुण होते हैं। ये मायकोराइज़ा फफूंद की वृद्धि को जड़ों के पास रोक सकते हैं। -
रूट सिग्नल्स की कमी
अधिकतर पौधे स्ट्राइगोलैक्टोन्स (strigolactones) जैसे रसायन छोड़ते हैं जो मायकोराइज़ा को आकर्षित करते हैं। लेकिन पत्ता गोभी और उसके जैसे पौधे ये संकेत नहीं छोड़ते, जिससे फफूंद को जड़ें पहचान में नहीं आतीं और वह जुड़ नहीं पाता। -
आवश्यक जीन की अनुपस्थिति
ब्रैसिकेसी पौधों में वे जीन ही नहीं होते जो मायकोराइज़ा फफूंद से संबंध बनाने के लिए ज़रूरी हैं। यह एक प्राकृतिक सीमा है, न कि मिट्टी या उत्पाद की खराबी।
इसके स्थान पर क्या उपयोग करें?
चूंकि मायकोराइज़ा इन फसलों में काम नहीं करता, इसलिए किसानों को पोषक तत्वों के बेहतर उपयोग और पौधों के स्वास्थ्य के लिए अन्य जैविक विकल्प अपनाने चाहिए:
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फॉस्फेट सॉल्युबिलाइजिंग बैक्टीरिया (PSB): मिट्टी से फॉस्फोरस को घुलनशील बनाकर पौधों को उपलब्ध कराता है।
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ह्युमिक और फुल्विक एसिड: जड़ों की वृद्धि, पोषक तत्वों के अवशोषण और मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारते हैं।
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सीवीड एक्सट्रैक्ट और अमीनो एसिड बायोस्टिमुलेंट्स: पौधों की स्वस्थ वृद्धि में मदद करते हैं और उन्हें तनाव सहन करने की क्षमता देते हैं।
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मिट्टी प्रबंधन: मिट्टी का pH 6.0 से 7.0 के बीच रखें और अच्छी तरह से सड़ा हुआ गोबर खाद या कंपोस्ट का उपयोग करें।