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    अंगूर की फसल में पेटिओल टेस्टिंग क्या है

    Posted on : 06 Jun 2025 By : Agri Search (India) Pvt. Ltd

    अंगूर की फसल में पेटिओल टेस्टिंग क्या है
    पेटिओल टेस्टिंग एक वैज्ञानिक तरीका है जिससे अंगूर की बेलों में पोषक तत्वों के स्तर की जांच की जाती है। पेटिओल वह डंठल होता है जो पत्तियों को मुख्य शाखा से जोड़ता है। इस हिस्से का विश्लेषण करके किसान यह जान सकते हैं कि पौधों को आवश्यक पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मिल रहे हैं या नहीं, और उसी अनुसार खाद प्रबंधन किया जा सकता है।

    पेटिओल टेस्टिंग क्यों जरूरी है
    अंगूर की बेलों में पोषक तत्वों की कमी के लक्षण दिखाई देने तक अक्सर बहुत देर हो चुकी होती है।

    पेटिओल टेस्टिंग से पोषक असंतुलन की समय रहते पहचान हो जाती है।

    यह पौधे की वास्तविक आवश्यकता के अनुसार खाद की सटीक मात्रा तय करने में मदद करता है।

    इससे उपज बेहतर होती है, अंगूर की गुणवत्ता सुधरती है और लागत कम आती है।

    सैंपल कब और कैसे लें
    सैंपल लेने का सबसे अच्छा समय फूल आने की अवस्था में होता है या छंटाई के 45 से 50 दिन बाद।

    संपूर्ण रूप से विकसित पत्तियों के डंठल लें, जो फल गुच्छे के विपरीत दिशा में होते हैं।

    40 से 50 बेलों से सैंपल लेकर मिलाएं।

    सैंपल को किसी प्रमाणित कृषि प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजें।

    किन पोषक तत्वों की जांच होती है
    प्राथमिक पोषक तत्व: नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), पोटेशियम (K)

    द्वितीयक पोषक तत्व: कैल्शियम (Ca), मैग्नीशियम (Mg), सल्फर (S)

     

    सूक्ष्म पोषक तत्व: जिंक (Zn), आयरन (Fe), मैंगनीज (Mn), बोरॉन (B), कॉपर (Cu)