हाइड्रोफोबिक फसलें क्या होती हैं?
क्या आपने कभी अपनी फसल पर सही तरीके से स्प्रे किया, फिर भी परिणाम कमजोर लगे? इसका कारण हमेशा स्प्रे या केमिकल नहीं होता—संभव है कि आपकी फसल हाइड्रोफोबिक हो।
हां, कुछ फसलें होती हैं जिनकी पत्तियाँ पानी को अपने ऊपर टिकने नहीं देतीं। इन्हें हाइड्रोफोबिक फसलें कहा जाता है, और ये चुपचाप आपके स्प्रे की प्रभावशीलता को कम कर सकती हैं—बिना आपकी जानकारी के।
“हाइड्रोफोबिक” का क्या मतलब होता है?
हाइड्रोफोबिक का मतलब होता है “पानी से डरने वाला।” सरल भाषा में कहें तो, हाइड्रोफोबिक फसलों की पत्तियाँ ऐसी होती हैं जिन पर पानी नहीं टिकता। इनकी सतह पर एक मोमी या चिकनी परत होती है जिससे स्प्रे की बूंदें मोतियों की तरह फिसल जाती हैं।
इन पत्तियों पर स्प्रे फैलने और अवशोषित होने के बजाय बहकर नीचे गिर जाता है या जल्दी सूख जाता है। यह कीटनाशकों, फफूंदनाशकों, सूक्ष्म पोषक तत्वों या जैविक उत्पादों के छिड़काव के समय एक बड़ी समस्या बन जाती है।
हाइड्रोफोबिक फसलों में आमतौर पर क्या होता है?
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स्प्रे पत्तियों से फिसल जाता है
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केमिकल ठीक से चिपकता नहीं है
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अवशोषण बहुत कम होता है
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किसान को कमजोर परिणाम मिलते हैं
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ज्यादा समय, ज्यादा खर्च, लेकिन कम असर
कौन-कौन सी फसलें हाइड्रोफोबिक होती हैं?
कई सामान्य फसलें हाइड्रोफोबिक स्वभाव रखती हैं, जैसे:
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केला (Banana) – मोटी मोमी पत्तियाँ
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मिर्च (Chilli) – चमकदार, पानी से बचने वाली सतह
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पत्ता गोभी (Cabbage) – चिकनी और घुमावदार पत्तियाँ
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प्याज (Onion) – सीधे खड़े और चिकने पत्ते
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एरंड (Castor), कपास (Cotton), सरसों (Mustard) – स्वाभाविक रूप से मोमी सतह
ये फसलें बाहर से स्वस्थ दिख सकती हैं, लेकिन स्प्रे करते समय अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत होती है।
किसानों को यह क्यों जानना चाहिए?
क्योंकि जब आप अपनी फसल का स्वभाव समझते हैं, तो आप बेहतर निर्णय ले पाते हैं। अगर आपकी फसल हाइड्रोफोबिक है और आप बिना किसी स्प्रेडर-स्टिकर के स्प्रे कर रहे हैं, तो आप अपना उत्पाद, पैसा और समय बर्बाद कर सकते हैं।
अच्छी खबर यह है कि इसका आसान समाधान है—जिसके बारे में हम अगली ब्लॉग में बताएँगे।
तो अगली बार जब आप स्प्रे करें और परिणाम धीमे या असमान लगें, तो सिर्फ केमिकल पर शक न करें। अपनी फसल की प्रकृति को भी समझें।