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  • बिना दिखे बड़ा नुकसान कर सकता है – खेती में पानी की कठोरता

    बिना दिखे बड़ा नुकसान कर सकता है – खेती में पानी की कठोरता

    Posted on : 16 May 2025 By : Agri Search (India) Pvt. Ltd

    बिना दिखे बड़ा नुकसान कर सकता है – खेती में पानी की कठोरता

    खेती में हम अक्सर बारिश, सिंचाई और पानी की उपलब्धता की बात करते हैं। लेकिन एक चीज़ जो चुपचाप हमारी फसलों को प्रभावित करती है — और जिसे ज़्यादातर किसान नज़रअंदाज़ कर देते हैं — वो है पानी की कठोरता (Water Hardness)।

    सीधे शब्दों में कहें तो कठोर पानी में खनिज तत्व ज़्यादा होते हैं, खासकर कैल्शियम और मैग्नीशियम। ये सुनने में नुकसानदायक नहीं लगते, लेकिन समय के साथ ये खेत में कई समस्याएं खड़ी कर सकते हैं।

    उदाहरण के तौर पर, अगर आप लगातार कठोर पानी से सिंचाई कर रहे हैं, तो मिट्टी की सतह पर सफेद परत जैसी चीज़ दिखने लगेगी। यह नमक की परत होती है। इससे पौधों की जड़ें पोषक तत्व ठीक से नहीं ले पातीं। ऊपर से फसल ठीक दिखती है, लेकिन उत्पादन उम्मीद से बहुत कम होता है।

    एक और समस्या उर्वरकों और स्प्रे के साथ होती है। कठोर पानी इनके साथ रासायनिक प्रतिक्रिया कर सकता है जिससे इनके असर में कमी आ जाती है। यानी आप अच्छे उत्पाद इस्तेमाल कर रहे हैं, फिर भी परिणाम अच्छे नहीं मिलते।

    यह पानी आपकी सिंचाई प्रणाली को भी प्रभावित करता है। पाइपों और ड्रिप लाइन में ये खनिज जमा होकर ब्लॉकेज बनाते हैं। इसे बार-बार साफ़ करना या बदलना महंगा और झंझट वाला काम हो जाता है।

    अच्छी बात ये है कि इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

    • अपने सिंचाई के पानी की जांच करवाएं। यह आसान है और बहुत मददगार भी।

    • अगर पानी कठोर है, तो वॉटर कंडीशनर या एसिडिफ़ायर का इस्तेमाल करें।

    • ऐसे उर्वरक चुनें जो कठोर पानी के साथ असरदार हों।

    • कई मामलों में मिट्टी में जिप्सम मिलाना भी फायदेमंद होता है।

    कई किसान इस समस्या को चुपचाप झेलते हैं, उन्हें पता ही नहीं चलता कि पानी की गुणवत्ता उनकी फसल को रोक रही है। लेकिन जैसे ही आप इस बात को समझते हैं और कदम उठाते हैं, आपको साफ़ अंतर दिखाई देने लगता है — मिट्टी में, फसल में और उत्पादन में।

    यह एक छोटा कदम है, लेकिन खेती में बड़ा फर्क ला सकता है।

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