पौधों में वाष्पोत्सर्जन
जब हम पौधों के बारे में सोचते हैं तो हमारे मन में प्रकाश संश्लेषण, फूल या फल आते हैं। लेकिन हर दिन एक ऐसी शांत प्रक्रिया होती है जिसे हम देख नहीं पाते – वाष्पोत्सर्जन (Transpiration)। यह अदृश्य प्रक्रिया पौधों के जीवन और वृद्धि के लिए बेहद ज़रूरी है।
वाष्पोत्सर्जन क्या है?
वाष्पोत्सर्जन वह प्रक्रिया है जिसमें पौधे अपनी पत्तियों पर मौजूद छोटे-छोटे रंध्रों (stomata) के माध्यम से पानी को वाष्प के रूप में वातावरण में छोड़ते हैं। सरल शब्दों में, पौधे हवा में "पानी छोड़ते" हैं।
वाष्पोत्सर्जन का महत्व क्या है?
पहली नज़र में यह केवल पानी का नुकसान लगता है, लेकिन वास्तव में यह पौधों की ज़रूरत है।
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यह पौधों को ठंडा रखता है, जैसे पसीना हमें ठंडा रखता है।
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जड़ों से खींचे गए खनिज और पोषक तत्व पूरे पौधे तक पहुँचाता है।
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पानी की सतत खींच पैदा करता है जिससे जड़ों से पत्तियों तक पानी चढ़ता है।
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पत्तियों को ताज़गी और मजबूती देता है।
वाष्पोत्सर्जन को प्रभावित करने वाले कारक
वाष्पोत्सर्जन हमेशा समान नहीं होता, यह वातावरण पर निर्भर करता है।
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अधिक तापमान पर पानी का नुकसान बढ़ जाता है।
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तेज़ हवा वाष्पोत्सर्जन को तेज़ करती है।
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वातावरण में नमी अधिक हो तो पानी का नुकसान कम होता है।
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तेज़ रोशनी रंध्रों को खोल देती है जिससे वाष्पोत्सर्जन बढ़ता है।
पानी लेने और खोने के बीच संतुलन
पौधों को प्रकाश संश्लेषण के लिए पानी चाहिए, लेकिन साथ ही वाष्पोत्सर्जन से वे पानी खोते भी हैं। यदि नुकसान अधिक हो जाए और जड़ों से पर्याप्त पानी न मिले तो पौधे मुरझा जाते हैं। इसलिए किसान सही समय पर सिंचाई और मिट्टी में नमी बनाए रखने पर ध्यान देते हैं।