ब्लॉग डिटेल

  • संतुलित पोषक प्रबंधन (INM)

    संतुलित पोषक प्रबंधन (INM)

    Posted on : 01 Nov 2025 By : Agri Search (India) Pvt. Ltd

    संतुलित पोषक प्रबंधन (INM)

    आधुनिक खेती में रासायनिक खादों ने उत्पादन बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है, लेकिन इसके अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरता कम होती जा रही है। जैविक पदार्थ घट रहे हैं और मिट्टी का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है। इस समस्या का समाधान है — संतुलित पोषक प्रबंधन (Integrated Nutrient Management – INM) — एक ऐसी वैज्ञानिक और टिकाऊ पद्धति जो मिट्टी की ताकत वापस लाती है।

    INM क्या है
    संतुलित पोषक प्रबंधन का अर्थ है रासायनिक, जैविक और सेंद्रिय स्रोतों का संयोजन कर मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना और स्थायी उत्पादन प्राप्त करना। INM रासायनिक खादों का विरोध नहीं करता, बल्कि उनके उपयोग को अधिक प्रभावी और संतुलित बनाता है। यह सुनिश्चित करता है कि मिट्टी को दिए गए सभी पोषक तत्व पूरी तरह से उपयोग हो सकें।

    INM कैसे काम करता है
    INM में तीन प्रमुख पोषक स्रोतों का संतुलन होता है:

    • सेंद्रिय पदार्थ – गोबर की खाद, कम्पोस्ट, हरी खाद आदि मिट्टी की संरचना और जलधारण क्षमता बढ़ाते हैं।

    • रासायनिक खादें – फसलों को तुरंत पोषण देती हैं और तेजी से विकास करती हैं।

    • जैव उर्वरक – राइजोबियम, एज़ोस्पिरिलम, फॉस्फेट सॉल्यूबिलाइजिंग बैक्टीरिया (PSB) जैसे सूक्ष्मजीव पौधों को पोषक तत्व बेहतर तरीके से उपलब्ध कराते हैं।

    इन तीनों का संयोजन मिट्टी को जीवंत रखता है, खाद की लागत घटाता है और उत्पादन को स्थिर बनाए रखता है।

    INM के लाभ

     

    • मिट्टी की उर्वरता और जैविक गुण बढ़ाता है।

    • पोषक तत्वों की दक्षता में सुधार करता है।

    • पर्यावरण प्रदूषण को कम करता है।

    • फसल की गुणवत्ता और प्रतिरोध क्षमता बढ़ाता है।

    • लंबे समय तक स्थायी और अच्छा उत्पादन सुनिश्चित करता है।