मिट्टी में अधिक फॉस्फोरस का मायकोराइजा पर प्रभाव
अनुसंधान क्या कहता है
वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि जब मिट्टी में फॉस्फोरस का स्तर बहुत अधिक हो जाता है, तो पौधों की जड़ों और मायकोराइजा फफूंद के बीच का प्राकृतिक संबंध कमजोर पड़ जाता है। कम फॉस्फोरस में यह फफूंद जड़ों पर अच्छी तरह विकसित होती है, लेकिन अधिक फॉस्फोरस मिलने पर इसका विकास लगभग रुक जाता है।
ऐसा क्यों होता है
जब मिट्टी में फॉस्फोरस अधिक होता है, तब पौधे अपनी जड़ों से मायकोराइजा को आकर्षित करने वाले संकेत कम कर देते हैं। पौधे को पर्याप्त फॉस्फोरस सीधे मिट्टी से मिलने लगता है, इसलिए वह फफूंद के साथ साझेदारी नहीं रखता। परिणामस्वरूप, फफूंद जड़ों पर सही तरह से विकसित नहीं हो पाती।
कृषि पर प्रभाव
मायकोराइजा पौधों को फॉस्फोरस, जिंक और पानी के अवशोषण में मदद करती है। जब यह संबंध टूटता है, तो पौधों की पोषण क्षमता घट जाती है। अधिक फॉस्फोरस से मिट्टी की सूक्ष्मजीव गतिविधि भी कम होती है, मिट्टी की संरचना कमजोर पड़ती है और उपज में गिरावट आती है।
किसानों के लिए सुझाव
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फॉस्फोरस डालने से पहले मिट्टी की जांच जरूर करें।
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केवल जरूरत के अनुसार ही फॉस्फोरस डालें।
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रोपाई के समय मायकोराइजा बायोफर्टिलाइजर का उपयोग करें।
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कंपोस्ट, ह्यूमिक एसिड या अन्य जैविक पदार्थ मिलाएं।
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हर सीजन में DAP और SSP जैसे फॉस्फोरस उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग न करें।