टमाटर में अर्ली ब्लाइट (झुलसा रोग) का नियंत्रण: लक्षण, कारण और संपूर्ण समाधान
अर्ली ब्लाइट क्या है?
अर्ली ब्लाइट एक फफूंदजनित रोग है, जो Alternaria solani नामक फंगस के कारण होता है। यह टमाटर की पत्तियों, तनों और फलों को प्रभावित करता है। इसमें पत्तियों पर गहरे भूरे से काले रंग के धब्बे बनते हैं जिनके बीचोंबीच छल्लेदार (टारगेट जैसे) रिंग्स दिखाई देती हैं। यह रोग नीचे की पुरानी पत्तियों से शुरू होकर ऊपर की ओर बढ़ता है।
लक्षण:
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पुरानी (नीचे की) पत्तियों पर गोल, गहरे भूरे रंग के छल्लेदार धब्बे
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धब्बों के चारों ओर पीलापन; पत्तियाँ सूखकर गिर जाती हैं
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तनों पर मिट्टी के पास काले धब्बे या जख्म
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अंतिम अवस्था में फलों के डंठल वाले सिरे पर सड़न
कारण / अनुकूल परिस्थितियाँ:
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गर्म और आर्द्र (नम) मौसम
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खेत में हवा का प्रवाह कम होना
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अधिक सिंचाई या रात में पत्तों पर पानी रहना
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खेत में संक्रमित फसल का अवशेष रह जाना
अर्ली ब्लाइट का एकीकृत प्रबंधन
1. कृषि प्रबंधन (Cultural Practices):
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रोगमुक्त बीज या स्वस्थ पौधों का उपयोग करें
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फसल चक्र अपनाएं – एक ही खेत में लगातार 2–3 साल टमाटर या आलू न लगाएं
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संक्रमित फसल के अवशेषों को खेत से हटा दें और नष्ट करें
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ऊपर से सिंचाई (स्प्रिंकलर) से बचें – हमेशा पौधों की जड़ में पानी दें
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पौधों के बीच उचित दूरी रखें ताकि हवा का प्रवाह बना रहे
2. प्रतिरोधी किस्में:
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अर्ली ब्लाइट प्रतिरोधी टमाटर किस्मों का चयन करें जैसे – 'अर्का रक्षक', 'अर्का अभिजीत', या 'हीमसोहना' (क्षेत्र के अनुसार चयन करें)
3. जैविक और बायोलॉजिकल नियंत्रण:
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Trichoderma harzianum या Pseudomonas fluorescens का बीजोपचार या मृदा में उपयोग करें
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नीम तेल (1500 ppm) का हर 7 दिन में एक बार स्प्रे करें
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कंपोस्ट टी, जीवामृत या गोबर आधारित बायो-फंगीसाइड्स का प्रयोग करें
4. रासायनिक नियंत्रण (केवल आवश्यकता पड़ने पर):
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रोग की गंभीरता के अनुसार हर 7–10 दिन में फफूंदनाशकों का छिड़काव करें:
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क्लोरोथालोनिल 75% WP @ 2 ग्राम/लीटर पानी
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मैनकोजेब 75% WP @ 2.5 ग्राम/लीटर पानी
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एजॉक्सीस्ट्रोबिन + डाइफेनोकोनाजोल संयोजन उत्पाद (निर्देश अनुसार)
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कॉपर ऑक्सीक्लोराइड @ 3 ग्राम/लीटर – रोकथाम के लिए
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फफूंदनाशकों का बार-बार एक ही प्रकार प्रयोग न करें – अलग-अलग ग्रुप्स को बदल-बदलकर उपयोग करें, ताकि प्रतिरोध (resistance) न बने
संयुक्त तरीके से किया गया प्रबंधन – जिसमें कृषि, जैविक और आवश्यकता अनुसार रसायनिक उपाय शामिल हों – अर्ली ब्लाइट पर सबसे प्रभावी और टिकाऊ नियंत्रण प्रदान करता है। समय पर पहचान और कार्रवाई से नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता है।