बोर्डो मिक्सचर: भारतीय कृषि में एक विश्वसनीय फफूंदनाशक
बोर्डो मिक्सचर क्या है?
बोर्डो मिक्सचर एक पारंपरिक और व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला फफूंदनाशक है। यह कॉपर सल्फेट (तांबे का सल्फेट) और चूना (कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड) को पानी में मिलाकर तैयार किया जाता है। यह मिश्रण विशेष रूप से फलों, सब्जियों और बागानी फसलों में फफूंद और जीवाणुजनित रोगों को नियंत्रित करने में प्रभावी होता है।
इसका विकास सबसे पहले फ्रांस में हुआ था, और आज भी यह रोग प्रबंधन के लिए एक भरोसेमंद उपाय माना जाता है, खासकर जैविक खेती में।
सामग्री और मानक अनुपात
बोर्डो मिक्सचर तैयार करने के लिए 1:1:100 का अनुपात अपनाया जाता है:
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1 किलोग्राम कॉपर सल्फेट
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1 किलोग्राम क्विक लाइम (चूना)
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100 लीटर स्वच्छ पानी
यह अनुपात पौधों की सुरक्षा बनाए रखते हुए प्रभावी रोग नियंत्रण प्रदान करता है।
बोर्डो मिक्सचर कैसे तैयार करें?
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सबसे पहले 50 लीटर पानी में 1 किलोग्राम कॉपर सल्फेट को प्लास्टिक की बाल्टी में घोलें।
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दूसरी बाल्टी में 1 किलोग्राम चूना को 50 लीटर पानी में घोलें।
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अब चूने वाले घोल को धीरे-धीरे कॉपर सल्फेट वाले घोल में डालते हुए लगातार हिलाएं।
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तैयार मिश्रण को तुरंत या 24 घंटे के भीतर उपयोग करें।
महत्वपूर्ण: हमेशा चूने का घोल कॉपर सल्फेट के घोल में मिलाएं — इसके विपरीत न करें। गलत क्रम से मिलाने पर रासायनिक प्रतिक्रिया हो सकती है जिससे पौधों को नुकसान हो सकता है।
बोर्डो मिक्सचर के लाभ
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यह मिश्रण डाउनी मिल्ड्यू, अर्ली और लेट ब्लाइट, पत्ती झुलसा, एन्थ्रैक्नोज, और जीवाणु झुलसा जैसे कई रोगों को रोकने में मदद करता है।
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मानसून के मौसम में, जब फफूंद का प्रकोप अधिक होता है, यह विशेष रूप से उपयोगी होता है।
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चूंकि यह प्राकृतिक तत्वों से बना होता है, इसे जैविक खेती में भी स्वीकार किया गया है।
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यह किफायती, सरल और छोटे व बड़े दोनों तरह के किसानों के लिए उपयुक्त है।
किन फसलों में उपयोग करें?
बोर्डो मिक्सचर का प्रयोग आमतौर पर इन फसलों में किया जाता है:
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अंगूर, केला, आम, टमाटर, आलू, बैंगन, अनार इत्यादि।
यह मिश्रण इन फसलों में फफूंद और जीवाणुजनित रोगों को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे पौधों की सेहत और उपज में सुधार होता है।
छिड़काव के निर्देश
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छिड़काव सुबह जल्दी या शाम को करें ताकि पौधों को धूप से तनाव या झुलसन न हो।
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फूल आने के समय या अत्यधिक गर्मी में छिड़काव से बचें।
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मिश्रण तैयार करने के लिए हमेशा प्लास्टिक या लकड़ी की बाल्टियों का उपयोग करें — धातु से बचें।
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छिड़काव के बाद स्प्रेयर को अच्छी तरह धो लें, ताकि जंग न लगे।