काली मिट्टी – किसान का सोना
काली मिट्टी, जिसे रेगर मिट्टी या कपास की मिट्टी भी कहा जाता है, खेती के लिए सबसे मूल्यवान मिट्टियों में से एक है। इसका गहरा रंग इसमें मौजूद अधिक ह्यूमस और लोहे की वजह से होता है। इसमें कैल्शियम कार्बोनेट, मैग्नीशियम, पोटाश और चूना जैसे पौधों के लिए आवश्यक खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
कहाँ पाई जाती है
यह मिट्टी मुख्य रूप से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में पाई जाती है। इन क्षेत्रों की गर्म जलवायु काली मिट्टी की खेती के लिए उपयुक्त होती है।
काली मिट्टी के लिए उपयुक्त फसलें
काली मिट्टी कपास की खेती के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यह सोयाबीन, सूरजमुखी, मक्का, दालें और कुछ फलों के लिए भी उपयुक्त है। इसकी महीन बनावट और लंबे समय तक पानी रोकने की क्षमता फसलों को सूखे में भी बढ़ने में मदद करती है।
किसान काली मिट्टी को क्यों पसंद करते हैं
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लंबे समय तक नमी बनाए रखती है
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गहरी और स्वस्थ जड़ वृद्धि को बढ़ावा देती है
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सही प्रबंधन से अधिक उपज देती है
अपनी प्राकृतिक उर्वरता और नमी बनाए रखने की क्षमता के कारण, काली मिट्टी सचमुच किसान के लिए सोने के समान है।