फसलों में बैक्टीरियल कैंकर
बैक्टीरियल कैंकर एक गंभीर पौध रोग है जो मुख्य रूप से टमाटर और स्टोन फ्रूट फसलों जैसे चेरी, खुबानी और आड़ू को प्रभावित करता है। यदि समय पर नियंत्रण न किया जाए तो यह फसल में भारी नुकसान कर सकता है।
कारण
यह रोग Clavibacter michiganensis subsp. michiganensis नामक बैक्टीरिया के कारण टमाटर में होता है। यह पौधों में घाव, कट या प्राकृतिक छिद्रों के माध्यम से प्रवेश करता है और संक्रमित बीज, उपकरण, पानी की छींटों और संक्रमित पौध अवशेषों से फैलता है।
लक्षण
पत्तियाँ – पीलापन, मुरझाना या किनारों का भूरा होना (जलने जैसा लक्षण)।
तना – लम्बवत दरारें, कैंकर और अंदर भूरे रंग का विकार।
फल – बर्ड्स-आई स्पॉट: छोटे, गोल धब्बे जिनका केंद्र हल्का और किनारे गहरे रंग के होते हैं।
पूरा पौधा – कमजोर वृद्धि और फल उत्पादन में कमी।
अनुकूल परिस्थितियाँ
24–32°C का गर्म तापमान, अधिक आर्द्रता या बार-बार वर्षा, और ओवरहेड सिंचाई इस रोग के फैलाव को बढ़ाते हैं।
प्रबंधन
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बीज उपचार – प्रमाणित रोग-मुक्त बीज का उपयोग करें और गरम पानी या बैक्टेरिसाइड से उपचार करें।
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खेत की स्वच्छता – संक्रमित पौधों को उखाड़कर नष्ट करें और उपकरणों को कीटाणुरहित करें।
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फसल चक्र – 2–3 साल तक टमाटर या संबंधित फसल को उसी खेत में न लगाएँ।
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घाव से बचाव – पौधों को सावधानी से संभालें ताकि चोट न लगे।
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रासायनिक नियंत्रण – तांबे-आधारित बैक्टेरिसाइड का उपयोग रोकथाम के रूप में करें।
नोट: एक बार पौधा संक्रमित हो जाए तो इसका इलाज संभव नहीं है—रोकथाम ही सबसे अच्छा उपाय है।