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  • गर्मी में केले के पौधों को बचाने के लिए मक्का की इंटरक्रॉपिंग

    गर्मी में केले के पौधों को बचाने के लिए मक्का की इंटरक्रॉपिंग

    Posted on : 23 Apr 2025 By : Agri Search (India) Pvt. Ltd

    गर्मी में केले के पौधों को बचाने के लिए मक्का की इंटरक्रॉपिंग

    उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में केले की खेती को अक्सर तीव्र गर्मी की समस्या का सामना करना पड़ता है, जिससे पौधों को तनाव होता है और उत्पादन घट सकता है। इस समस्या का एक टिकाऊ और प्रभावी समाधान है – केले के बागानों में मक्का की इंटरक्रॉपिंग। यह नवाचारपूर्ण तरीका न केवल केले के पौधों को तेज धूप से बचाता है, बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता भी सुधारता है और किसानों की आय को बढ़ाता है।


    इंटरक्रॉपिंग क्या है?

    इंटरक्रॉपिंग एक कृषि पद्धति है जिसमें दो या दो से अधिक फसलों को एक साथ, पास-पास उगाया जाता है। केले की खेती के संदर्भ में, मक्का एक आदर्श सहफसल है क्योंकि यह तेजी से ऊँचाई पकड़ती है और इसके पत्ते चौड़े होते हैं, जिससे यह गर्मियों की चिलचिलाती धूप में केले के पौधों के लिए प्राकृतिक छाया प्रदान कर सकती है।


    केले के साथ मक्का की इंटरक्रॉपिंग क्यों करें?

    1. गर्मी से सुरक्षा
    गर्मियों में, केले के पौधे पत्तियों के झुलसने और निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) के प्रति संवेदनशील होते हैं। मक्का अपने लंबे कद और चौड़ी छतरी जैसे पत्तों के कारण एक प्राकृतिक छतरी की तरह काम करता है, जो सीधे सूर्य प्रकाश को कम करता है और केले के पौधों के आसपास के वातावरण का तापमान घटाता है।

    2. मिट्टी का स्वास्थ्य सुधारता है
    मक्का मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद करता है और इसमें जैविक तत्वों की मात्रा को बढ़ाता है। इससे मिट्टी की संरचना, पानी रोकने की क्षमता और सूक्ष्मजीव गतिविधि बेहतर होती है, जो केले की वृद्धि के लिए लाभकारी है।

    3. अतिरिक्त आय का स्रोत
    किसान केले के साथ-साथ मक्का की फसल लेकर अतिरिक्त आय कमा सकते हैं, जिससे भूमि का बेहतर उपयोग होता है और एक ही फसल पर निर्भरता से होने वाला जोखिम भी कम होता है।

    4. खरपतवार नियंत्रण
    मक्के का घना रोपण खरपतवार को उगने से रोकता है, जिससे पोषक तत्वों के लिए प्रतिस्पर्धा कम होती है और खरपतवारनाशकों की जरूरत भी घटती है।


    आदर्श इंटरक्रॉपिंग पैटर्न

    स्पेसिंग: मक्का और केले दोनों को 7x7 फीट की दूरी पर लगाएं। केले की कतारों के बीच में मक्का लगाएं ताकि पत्तियों की छाया का संतुलन बना रहे।

    समय: मक्का को केले के रोपण से पहले या साथ में बोएं ताकि मक्का पहले स्थापित हो जाए और गर्मी के समय छाया दे सके।

    प्रजाति का चयन: ऐसी मक्का किस्में चुनें जो तेजी से बढ़ती हों और जिनके पत्ते चौड़े हों, ताकि बेहतर छाया मिल सके।


    उत्कृष्ट परिणामों के लिए कृषि सुझाव

    • ड्रिप सिंचाई का प्रयोग करें ताकि दोनों फसलों की पानी की आवश्यकता पूरी हो सके और पानी की बर्बादी न हो।

    • संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करें ताकि कोई भी फसल पोषक तत्वों की कमी से प्रभावित न हो।

    • कीट और रोगों की नियमित निगरानी करें, विशेषकर तब जब फसलें एक-दूसरे के निकट हों।

    • सूर्य की रोशनी की जांच करते रहें ताकि अत्यधिक छाया के कारण केले की वृद्धि प्रभावित न हो।


    वास्तविक जीवन की सफलता की कहानी

    महाराष्ट्र और तमिलनाडु के गर्म क्षेत्रों के किसानों ने इस तकनीक को सफलतापूर्वक अपनाया है। मक्का को प्राकृतिक छाया के रूप में उपयोग करने वाले खेतों में केले की पैदावार में लगभग 20% तक वृद्धि देखी गई, और पत्तियों के झुलसने और निर्जलीकरण के लक्षण भी बहुत कम थे।