मुख्य विशेषताएँ :
फ्लोरा फॉस एक सघन द्रव पत्तियों पर छिड़कने वाला उर्वरक है।
यह फसलों को तीव्र वृद्धि के चरण में त्वरित ऊर्जा प्रदान करता है और प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में मदद करता है।
इसमें कैल्शियम भी शामिल है, जिससे यह कैल्शियम-प्रेमी फलों, सब्ज़ियों और बाग़वानी फसलों के लिए उपयुक्त बनता है।
इसका फॉर्मूलेशन पत्तियों द्वारा बेहतर अवशोषण और तेज़ प्रभाव के लिए अनुकूलित किया गया है।
यह तरल रूप में होने के कारण मापने, डालने और स्प्रे टैंक में मिलाने में आसान है।
फायदे:
फल सेटिंग और फल निर्माण को बेहतर बनाता है।
कोशिका दीवार की मजबूती और पौधे की वृद्धि को बढ़ाता है।
पोषक तत्वों के अवशोषण और उपयोग को बढ़ाता है।
संपूर्ण पौधे की शक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है।
फलों, सब्ज़ियों और अन्य फसलों पर पत्तियों के छिड़काव के लिए उपयुक्त।
अनुशंसित फसलें:
फल फसलें: अंगूर, संतरा, सेब, बेरीज़, अनार, केला और अन्य फलवाली फसलें।
सब्ज़ियाँ: टमाटर, मिर्च, शिमला मिर्च, प्याज़, बैंगन।
अन्य फसलें: खरबूजा, बाग़वानी फसलें आदि।
फोलियर स्प्रे: २ - ३ मि.ली. प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें। फॉस्फोरस की अधिक आवश्यकता वाले समय पर महीने में २-३ बार प्रयोग करें। समय: फवारनी सुबह जल्दी या शाम को देर से करें। सीधे धूप में छिड़काव करने से बचें। मिट्टी में उपयोग: १ से २ लीटर फ्लोरा फॉस प्रति एकड़ ड्रिप सिंचाई या आवलन (drenching) विधि से पर्याप्त मात्रा में पानी में घोलकर उपयोग करें।