प्रोटीन हाइड्रोलाइसेट से भरपूर: इसमें अमिनो एसिड, पेप्टाइड्स और पॉलीपेप्टाइड्स शामिल हैं जो पौधों की वृद्धि के लिए लाभकारी हैं।
जैविक अम्ल (ह्युमिक और फुल्विक एसिड): समुद्री शैवाल अर्क के साथ समृद्ध, जो मिट्टी के स्वास्थ्य और पोषक तत्वों के अवशोषण को बेहतर बनाते हैं।
जैव-उपलब्ध फुल्विक अंश और समुद्री शैवाल अर्क: ये तत्व प्रकाश संश्लेषण को प्रोत्साहित करते हैं, जिससे पत्तियाँ गहरे हरे रंग की होती हैं और पौधों को तनाव (जैसे सूखा, लवणता आदि) से लड़ने में मदद मिलती है।
तरल रूप में उपलब्ध: ड्रिप सिंचाई प्रणाली से आसानी से उपयोग किया जा सकता है, जिससे जड़ क्षेत्र तक सीधे और प्रभावी ढंग से पहुँचता है।
मिट्टी में उपयोग (ड्रिप सिंचाई द्वारा): मात्रा: 1–2 लीटर प्रति एकड़ आवृत्ति: फसल के बढ़ने के दौरान हर 15–20 दिन में एक बार विधि: अनुशंसित मात्रा को सिंचाई के पानी में मिलाकर ड्रिप सिस्टम द्वारा जड़ों के क्षेत्र में समान रूप से पहुँचाएं।