बरसात के मौसम में टमाटर के फूल क्यों झड़ते हैं?
टमाटर एक नाजुक फसल है और बरसात के मौसम में किसानों को फूल झड़ने की बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। इससे सीधे फल लगना कम होता है और उत्पादन घटता है। आइए इस समस्या के मुख्य कारण समझते हैं।
अत्यधिक नमी
बरसात में हवा में नमी ज्यादा होती है। इससे परागकण चिपचिपे हो जाते हैं और वर्तिकाग्र तक नहीं पहुंच पाते। परागण न होने से फूल सूखकर गिर जाते हैं।
तापमान में उतार-चढ़ाव
टमाटर में परागण के लिए मध्यम तापमान जरूरी है। लगातार बारिश से मौसम बादली रहता है और तापमान अचानक कम हो जाता है। इससे परागण व निषेचन प्रक्रिया बाधित होती है।
पोषक तत्वों का असंतुलन
तेज बारिश से मिट्टी से कैल्शियम, बोरॉन और पोटाशियम जैसे पोषक तत्व बह जाते हैं। ये तत्व फूलों को टिकाने और फल बनने के लिए जरूरी होते हैं। इनकी कमी से फूल कमजोर होकर जल्दी गिर जाते हैं।
रोग और कीट दबाव
बरसात के मौसम में फफूंदजनित रोग जैसे अर्ली ब्लाइट और बैक्टीरियल विल्ट बढ़ते हैं। साथ ही सफेद मक्खी और थ्रिप्स जैसे कीट वायरस फैलाते हैं। इन तनावों से पौधा कमजोर हो जाता है और फूल सबसे पहले झड़ते हैं।
परागण की कमी
बरसात और बादल वाले मौसम में मधुमक्खियां और अन्य परागण करने वाले कीट सक्रिय नहीं रहते। इसके कारण परागण नहीं हो पाता और फूल स्वाभाविक रूप से झड़ जाते हैं।
फूल झड़ना कम करने के उपाय
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सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिड़काव करें (विशेषकर बोरॉन और कैल्शियम)।
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खेत में पानी जमा न होने दें।
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ज्यादा नमी में रोग प्रबंधन करें।
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संरक्षित खेती में पौधों को हल्का हिलाकर परागण में मदद करें।
इन उपायों से किसान बरसात में टमाटर के फूल झड़ने की समस्या को कम कर सकते हैं और बेहतर फलधारणा प्राप्त कर सकते हैं।