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    कृषि में ड्रोन की बढ़ती भूमिका

    Posted on : 15 Sep 2025 By : Agri Search (India) Pvt. Ltd

    कृषि में ड्रोन की बढ़ती भूमिका

    कृषि हमेशा से नवाचार से जुड़ी रही है—पारंपरिक औजारों से लेकर आधुनिक मशीनों तक। आज ड्रोन खेती में सबसे रोमांचक तकनीकों में से एक बन चुके हैं। ये किसानों का समय बचाते हैं, खर्च कम करते हैं और फसलों की सेहत बेहतर बनाते हैं।

    स्मार्ट फसल निगरानी के लिए ड्रोन
    खेत में पैदल चलकर फसल की जांच करने में घंटों लग जाते हैं और अक्सर छोटे-छोटे लक्षण छूट जाते हैं। ड्रोन से किया गया हवाई सर्वेक्षण कीट प्रकोप, पोषण की कमी या असमान वृद्धि जैसी समस्याओं को जल्दी पहचान लेता है। जल्दी पहचान होने से समय पर कदम उठाए जा सकते हैं और पैदावार बढ़ती है।

    सिंचाई का बेहतर प्रबंधन
    पानी अनमोल है, और ड्रोन किसानों को इसका सही उपयोग करने में मदद कर रहे हैं। थर्मल कैमरे वाले ड्रोन पौधों में पानी की कमी वाले हिस्सों को पहचान लेते हैं। इससे किसानों को तय करने में आसानी होती है कि कहां और कब सिंचाई करनी है।

    कम मेहनत में तेज छिड़काव
    कीटनाशक या उर्वरक का छिड़काव करना अक्सर थकाऊ और समय लेने वाला होता है। ड्रोन पूरे खेत में समान रूप से और तेज़ी से छिड़काव कर सकते हैं। इससे मजदूरी का खर्च घटता है, रसायनों की बर्बादी कम होती है और किसान सीधे संपर्क से सुरक्षित रहते हैं।

    बुवाई से पहले मिट्टी की जानकारी
    कुछ ड्रोन खेत का 3D नक्शा तैयार कर मिट्टी की विविधता दिखाते हैं। इससे बुवाई की योजना बनाने, उर्वरक की आवश्यकता तय करने और अंकुरण दर बेहतर करने में मदद मिलती है।

    सतत कृषि की ओर एक कदम
    खर्च और मेहनत बचाने के अलावा ड्रोन खेती को और अधिक टिकाऊ बनाते हैं। संसाधनों का उपयोग केवल वहीं किया जाता है जहां ज़रूरत हो, जिससे बर्बादी घटती है और पर्यावरण सुरक्षित रहता है।