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    बेंटोनाइट सल्फर से जुड़ी गलत धारणाएं (Myths About Bentonite Sulphur)

    Posted on : 08 Jul 2025 By : Agri Search (India) Pvt. Ltd

    बेंटोनाइट सल्फर से जुड़ी गलत धारणाएं (Myths About Bentonite Sulphur)

    बेंटोनाइट सल्फर कृषि में एक महत्वपूर्ण सल्फर स्रोत के रूप में प्रयोग किया जाता है, लेकिन इसके उपयोग और प्रभाव को लेकर कई भ्रम और गलत धारणाएं हैं। आइए जानते हैं इन मिथकों की सच्चाई सरल और स्पष्ट भाषा में।


    मिथक 1: बेंटोनाइट सल्फर पौधों को तुरंत सल्फर उपलब्ध कराता है
    सच्चाई: बेंटोनाइट सल्फर तुरंत सल्फर नहीं देता। इसे पौधों के लिए उपलब्ध सल्फेट में बदलने के लिए मिट्टी में मौजूद सूक्ष्म जीवों की ऑक्सीकरण क्रिया की आवश्यकता होती है। इसलिए यह एक धीमी गति से कार्य करने वाला सल्फर स्रोत है।


    मिथक 2: इसका असर जिप्सम या अमोनियम सल्फेट जैसा ही होता है
    सच्चाई: जिप्सम या अमोनियम सल्फेट तुरंत सल्फेट उपलब्ध कराते हैं, जबकि बेंटोनाइट सल्फर धीरे-धीरे सल्फर छोड़ता है। यह लंबी अवधि के लिए सल्फर आपूर्ति हेतु उपयुक्त है, तात्कालिक सुधार के लिए नहीं।


    मिथक 3: इसे फसल चक्र में कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है
    सच्चाई: सही समय पर उपयोग बहुत जरूरी है। बेंटोनाइट सल्फर को बुवाई से पहले या फसल की प्रारंभिक वृद्धि अवस्था में डालना चाहिए ताकि ऑक्सीकरण की प्रक्रिया समय पर हो सके और सल्फर फसल को आवश्यकता के समय उपलब्ध हो।


    मिथक 4: यह सूखी मिट्टी में भी प्रभावी ढंग से काम करता है
    सच्चाई: बेंटोनाइट सल्फर को फूलने और ऑक्सीकरण शुरू करने के लिए नमी की आवश्यकता होती है। सूखी मिट्टी में यह सक्रिय नहीं होता और इसका असर नहीं दिखता।


    मिथक 5: यह सल्फर की कमी के लक्षणों को तुरंत ठीक कर देता है
    सच्चाई: यदि फसल में सल्फर की कमी के लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत सुधार के लिए सल्फेट आधारित उर्वरकों का उपयोग करें। बेंटोनाइट सल्फर दीर्घकालीन सल्फर प्रबंधन के लिए उपयुक्त है, न कि तात्कालिक इलाज के लिए।


     

    मिथक 6: सभी एलिमेंटल सल्फर उत्पाद एक जैसे होते हैं
    सच्चाई: गुणवत्ता का बहुत महत्व है। बेंटोनाइट सल्फर की कार्यक्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि उसके कण कितने महीन हैं और मिट्टी में कितनी अच्छी तरह फैलते हैं। घटिया गुणवत्ता वाले उत्पाद ठीक से ऑक्सीकृत नहीं होते, जिससे परिणाम खराब हो सकते हैं।