कृषि प्रौद्योगिकी में प्रगति ने नाइट्रोजन प्रबंधन को अधिक कुशल बनाया है:
- धीमा-विमोचन उर्वरक: ये उर्वरक धीरे-धीरे नाइट्रोजन छोड़ते हैं, जिससे पौधों को निरंतर आपूर्ति मिलती है।
- जैव उर्वरक: एजोटोबैक्टर और राइजोबियम जैसे सूक्ष्मजीव इनोकुलेंट्स प्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन स्थिरीकरण को सुधारते हैं।
- स्मार्ट सेंसर: मिट्टी की नमी और पोषक तत्व सेंसर वास्तविक समय डेटा प्रदान कर नाइट्रोजन के उपयोग को अनुकूलित करते हैं।
- समेकित पोषक प्रबंधन (INM): जैविक और अजैविक स्रोतों को मिलाकर दक्षता और स्थिरता में सुधार होता है।