फटे हुए फल, खराब फूल आना? ये बोरॉन की कमी हो सकती है
बोरॉन एक आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व है जो बहुत थोड़ी मात्रा में चाहिए होता है, लेकिन पौधों की वृद्धि और विकास में इसकी भूमिका बेहद अहम होती है। यह कोशिका भित्ति (cell wall) निर्माण, फूल आना, फल सेट होना और जड़ों के स्वास्थ्य में मदद करता है। इसकी कमी शुरुआत में नजर नहीं आती, लेकिन यह फसल को भारी नुकसान पहुँचा सकती है।
आम लक्षण:
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तने और फल फटे हुए या खोखले होना
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नई पत्तियाँ मुड़ी हुई, विकृत या भुरभुरी होना
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फूल न आना या बहुत कम आना, फल और बीज सेट में कमी
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जड़ों के सिरे भूरे होकर सड़ जाना
ये लक्षण आमतौर पर केला, गन्ना, फूलगोभी, मूंगफली, अंगूर और कपास जैसी फसलों में देखे जाते हैं।
कारण:
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रेतीली, अम्लीय या अत्यधिक बहने वाली मिट्टी
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सूखा या अत्यधिक वर्षा
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लंबे समय से सूक्ष्म पोषक तत्वों का उपयोग न करना
प्रबंधन कैसे करें:
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मिट्टी में उपयोग: बोरैक्स (10.5% बोरॉन) को 10–15 किग्रा/हेक्टेयर की दर से बुवाई से पहले मिट्टी में मिलाएँ
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फोलियर स्प्रे (पत्तियों पर छिड़काव): 0.2% बोरिक एसिड (2 ग्राम/लीटर पानी) फूल आने और प्रारंभिक वृद्धि अवस्था पर छिड़काव करें
महत्वपूर्ण: बोरॉन का उपयोग हमेशा मिट्टी की जांच के आधार पर करें — अधिक मात्रा में देने से यह विषैला हो सकता है।